Pages

Sunday, July 27, 2025

जस्टिस वर्मा के महाभियोग के प्रस्ताव पर फंसा पेंच, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार! # Justice Verma # # Impeachment Motion # # Supreme Court #

 

भारत के न्यायिक इतिहास में एक बार फिर से एक अहम मोड़ आ गया है, जहां जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाया गया महाभियोग प्रस्ताव विवादों के घेरे में आ गया है। इस पूरे मामले ने न केवल संसद में हलचल मचा दी है बल्कि अब सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।

क्या है मामला?

सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायपालिका के वरिष्ठतम न्यायाधीशों में गिने जाने वाले जस्टिस वर्मा पर कुछ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें पद के दुरुपयोग और नैतिक आचरण से जुड़ी बातें प्रमुख हैं। इन्हीं आरोपों के आधार पर महाभियोग प्रस्ताव संसद में लाया गया, लेकिन इस प्रस्ताव की प्रक्रिया और वैधता को लेकर कानूनी अड़चनें सामने आने लगी हैं।

संविधान और महाभियोग

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत किसी सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज को पद से हटाने की प्रक्रिया को महाभियोग कहा जाता है। इसके लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। परंतु, जस्टिस वर्मा के मामले में आरोपों की प्रकृति और प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लिया संज्ञान?

जस्टिस वर्मा ने खुद को निर्दोष बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लाया गया महाभियोग प्रस्ताव संविधान की मूल भावना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

  • सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि न्यायपालिका को जवाबदेह बनाना लोकतंत्र का हिस्सा है और आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

  • विपक्षी दल इसे राजनीतिक बदले की भावना बता रहे हैं और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला करार दे रहे हैं।

क्या हो सकती है आगे की राह?

यदि सुप्रीम कोर्ट यह तय करता है कि महाभियोग प्रस्ताव की प्रक्रिया में कोई त्रुटि या पक्षपात हुआ है, तो यह प्रस्ताव निरस्त भी हो सकता है। वहीं, यदि कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया, तो संसद में महाभियोग की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।


निष्कर्ष

जस्टिस वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव ने न्यायपालिका और विधायिका के बीच एक संवैधानिक बहस को जन्म दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में सुनवाई के लिए सहमत होना यह दर्शाता है कि संवैधानिक प्रक्रिया और न्यायिक गरिमा को लेकर देश में गंभीरता बरती जा रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस संवेदनशील मामले में भारत का सर्वोच्च न्यायालय क्या निर्णय देता है।

No comments:

Post a Comment

मिडिल ईस्ट में जंग से पहले Iran की War Drill फिर दिखाई Missiles की ताकत।#ईरान की जंगी तैयारी: मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच मिसाइलों का दमखम दिखाया

मेटा विवरण: जानिए ईरान ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए किस तरह की वॉर ड्रिल की और कैसे अपनी मिसाइल...