WHO कार्यालय पर हमला: ग़ज़ा में बिगड़ती मानवता की स्थिति का प्रतीक
ग़ज़ा में पहले से ही भयानक मानवीय संकट अब और गंभीर हो गया है, जब इज़राइली सेना द्वारा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक इमारत को निशाना बनाए जाने की पुष्टि हुई है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब ग़ज़ा में लोग सिर्फ बमबारी से नहीं, बल्कि भूख और इलाज के अभाव से भी मर रहे हैं।
WHO द्वारा संचालित यह बिल्डिंग मेडिकल सप्लाई और राहत सामग्री के वितरण का मुख्य केंद्र थी। इसके नष्ट हो जाने से ग़ज़ा में राहत कार्य और भी मुश्किल हो गए हैं। WHO ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन बताया है।
ग़ज़ा में भुखमरी का कहर: भोजन और पानी की भारी कमी
ग़ज़ा में सबसे गंभीर समस्या अब भूख बन चुकी है। इज़राइल द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण खाद्य सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति बाधित हो रही है। सहायता एजेंसियों का कहना है कि कई परिवार अब दिन में सिर्फ एक बार खाना खा पा रहे हैं, वह भी अगर कहीं से मिल जाए तो।
पिछले 48 घंटों में भूख और कुपोषण से कई मौतें हो चुकी हैं। बच्चों और बुज़ुर्गों पर इस संकट का सबसे बुरा असर पड़ा है। यह दृश्य पूरी दुनिया के सामने है, लेकिन मदद अभी भी बहुत सीमित है।
WHO कार्यालय पर हमले के बाद बढ़ा वैश्विक रोष
इस हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठनों और कई देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वे चाहते हैं कि इज़राइल तुरंत युद्धविराम की घोषणा करे और मानवीय राहत मार्गों को खोला जाए ताकि ग़ज़ा के लोगों तक मदद पहुंच सके।
लेकिन जमीनी हालात कह रहे हैं कि दुनिया की अपीलों का इज़राइल पर बहुत असर नहीं हो रहा है, और ग़ज़ा के आम लोग अब भी संकट में हैं।
इज़राइल की सफाई और युद्ध की गंभीरता
इज़राइल का कहना है कि हमास अस्पतालों और मानवीय इमारतों का उपयोग हथियार छुपाने और हमला करने के लिए करता है। हालांकि, इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सवाल उठाए हैं और मांग की है कि बेकसूर नागरिकों को इस संघर्ष में नुकसान न पहुंचे।
WHO की इमारत का नष्ट होना यह दर्शाता है कि युद्ध में अब जीवन रक्षक संस्थाएं भी सुरक्षित नहीं रहीं।
ग़ज़ा: एक बर्बादी की ओर बढ़ता क्षेत्र
अब ग़ज़ा में स्कूलों को शरणालय बनाया गया है, अस्पतालों में जगह नहीं बची है, और सहायता एजेंसियों को भी हमलों का सामना करना पड़ रहा है। यह एक ऐसा मानवता संकट है जो रोज़ और भयानक होता जा रहा है।
बच्चे भूख से कराह रहे हैं, मांएं अपने परिवार को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहीं, और हर गली में मातम पसरा है।
निष्कर्ष: अब और देर नहीं होनी चाहिए
इज़राइल और ग़ज़ा के बीच बढ़ते संघर्ष की यह घटना — WHO कार्यालय पर हमला और भूख से हो रही मौतें — दुनिया को एक कड़ा संदेश देती है: अगर अब भी आवाज़ नहीं उठी, तो इंसानियत हार जाएगी।
विश्व समुदाय को सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे। युद्ध विराम, मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति और दोषियों पर कार्यवाही — यह तीनों ज़रूरी हैं।
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