क्या ऑपरेशन सिंदूर पर बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं?
लोकसभा में एक बार फिर बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए, और इस बार केंद्र में था ऑपरेशन
सिंदूर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गौरव गोगोई ने सरकार से इस ऑपरेशन से जुड़े गंभीर सवाल पूछे, लेकिन
बीजेपी मंत्रियों के पास कोई ठोस जवाब नहीं था। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि मोदी सरकार
महिला सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर केवल बयानबाजी करती है, ठोस कदम नहीं उठाती।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर में महिलाओं की सुरक्षा
सुनिश्चित करना और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकना है। हालांकि, इस योजना के तहत कितने फंड का
उपयोग हुआ, कितने मामलों में न्याय मिला और क्या वास्तव में कोई ठोस परिणाम सामने आए—इन सवालों पर
सरकार ने हमेशा अस्पष्टता बनाए रखी है।
राहुल गांधी और गौरव गोगोई ने क्या पूछा?
फंड का हिसाब कहाँ है? – कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए आवंटित धन का उपयोग कहाँ हुआ? क्या राज्यों तक यह राशि पहुँची?
कितने मामलों में न्याय मिला? – सरकार ने अब तक कितने हिंसा पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाया? आँकड़े क्यों छुपाए जा रहे हैं?
योजना का असर क्या हुआ? – क्या वास्तव में इस ऑपरेशन से महिला सुरक्षा में सुधार हुआ, या यह सिर्फ एक प्रचार अभियान था?
इन सवालों के जवाब में बीजेपी नेताओं ने घुमा-फिराकर जवाब दिए, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के पास कोई ठोस डेटा या योजना नहीं है।
क्यों हिल गई बीजेपी?
जवाबदेही से बचने की कोशिश: बीजेपी सरकार अक्सर कठिन सवालों को टालने की कोशिश करती है, और ऑपरेशन सिंदूर पर भी यही हुआ।
महिला सुरक्षा पर खोखले दावे: सरकार "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसे नारे तो देती है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं होता।
कांग्रेस की मजबूत पहल: राहुल गांधी और गौरव गोगोई ने सरकार को घेरकर एक बार फिर साबित किया कि कांग्रेस जनता के सवालों की आवाज़ उठाने में आगे है।
फंड का हिसाब कहाँ है? – कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए आवंटित धन का उपयोग कहाँ हुआ? क्या राज्यों तक यह राशि पहुँची?
कितने मामलों में न्याय मिला? – सरकार ने अब तक कितने हिंसा पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाया? आँकड़े क्यों छुपाए जा रहे हैं?
योजना का असर क्या हुआ? – क्या वास्तव में इस ऑपरेशन से महिला सुरक्षा में सुधार हुआ, या यह सिर्फ एक प्रचार अभियान था?
इन सवालों के जवाब में बीजेपी नेताओं ने घुमा-फिराकर जवाब दिए, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के पास कोई ठोस डेटा या योजना नहीं है।
क्यों हिल गई बीजेपी?
जवाबदेही से बचने की कोशिश: बीजेपी सरकार अक्सर कठिन सवालों को टालने की कोशिश करती है, और ऑपरेशन सिंदूर पर भी यही हुआ।
महिला सुरक्षा पर खोखले दावे: सरकार "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसे नारे तो देती है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं होता।
कांग्रेस की मजबूत पहल: राहुल गांधी और गौरव गोगोई ने सरकार को घेरकर एक बार फिर साबित किया कि कांग्रेस जनता के सवालों की आवाज़ उठाने में आगे है।
निष्कर्ष: सरकार को जवाब देना चाहिए!
अगर सरकार वास्तव में महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को लेकर गंभीर
अगर सरकार वास्तव में महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को लेकर गंभीर
है, तो उसे ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सभी सवालों के स्पष्ट जवाब देने चाहिए।
कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार को जवाबदेह ठहराती रहेगी, क्योंकि जनता
का हक है कि वह जाने—उसके टैक्स के पैसे कहाँ खर्च हो रहे हैं!क्या
आपको लगता है कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर सफाई देनी चाहिए? कमेंट में बताएं!
क्या आपको लगता है कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर सफाई देनी चाहिए? कमेंट में बताएं!
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